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मोदी सरकार 3.0 तीसरे कार्यकाल का एक वर्ष – विकसित भारत की ओर मजबूत कदम।

ब्यूरों रिपोर्ट

9 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल का पहला वर्ष पूरा किया। यह वर्ष न केवल भारत के लिए रणनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों से भरा रहा, बल्कि यह विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हुआ है। इस लेख में, हम इस एक वर्ष में अर्थव्यवस्था, आर्थिक सुधारों, बुनियादी ढांचे और समग्र विकास के क्षेत्र में हुए परिवर्तनों को तथ्यपरक रूप से विश्लेषण करेंगे, जो भारत को वैश्विक मंच पर एक आर्थिक और सामरिक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में अग्रसर हैं।

अर्थव्यवस्था: विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ता भारत।

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था ने अभूतपूर्व प्रगति की है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम के अनुसार, भारत ने जापान को पीछे छोड़कर मई 2025 तक विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का स्थान हासिल कर लिया है। यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि भारत 2028 तक जर्मनी को भी पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत की नाममात्र जीडीपी 293.90 लाख करोड़ रुपये (लगभग 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.1% की वृद्धि दर्शाती है।इस आर्थिक उछाल का श्रेय सरकार की दूरदर्शी नीतियों, जैसे मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, और स्टार्टअप इंडिया को जाता है, जिन्होंने निवेश और नवाचार को बढ़ावा दिया। मेक इन इंडिया ने विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित किया, जिसके परिणामस्वरूप भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई। प्रति व्यक्ति आय भी बढ़कर 15,000 डॉलर तक पहुंचने की संभावना है, जो मध्यम वर्ग की बढ़ती क्रय शक्ति को दर्शाता है।

आर्थिक सुधार: व्यापार को पंख, पारदर्शिता को प्राथमिकता।

पिछले एक दशक में शुरू किए गए आर्थिक सुधारों को तीसरे कार्यकाल में और गति मिली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और इन्सॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्ट्सी कोड जैसे सुधारों ने व्यापार करने की प्रक्रिया को सरल बनाया, जिसके परिणामस्वरूप भारत विश्व बैंक की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार के साथ एक आकर्षक निवेश गंतव्य बन गया है।2024 के पूर्ण बजट में सरकार ने रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया। युवाओं के लिए 5 नई योजनाएं शुरू की गईं, जिनके लिए 2 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए। इनमें 1 करोड़ युवाओं को शीर्ष 500 कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने की योजना शामिल है, जो भारत के कुशल कार्यबल को और सशक्त बनाएगी। इसके अलावा, बायोई3 नीति (अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी) को मंजूरी दी गई, जो हरित विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देगी।जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन जैसे सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों ने भी आर्थिक समावेशन को बढ़ावा दिया। जल जीवन मिशन के तहत 11.82 करोड़ ग्रामीण घरों को नल जल कनेक्शन प्रदान किया गया, जिसने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी। साथ ही, आयुष्मान भारत योजना के तहत 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य कवर प्रदान करने का निर्णय लिया गया, जिससे लगभग 6 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे।

बुनियादी ढांचा: विकास का आधार।

मोदी सरकार ने बुनियादी ढांचे को विकास का आधार बनाया है। इस एक वर्ष में, राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 1.46 लाख किलोमीटर तक पहुंच गई, जो 2014 में 91,000 किलोमीटर थी। जम्मू-कश्मीर में चिनाब ब्रिज (विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज) और अंजी ब्रिज (भारत का पहला केबल-स्टे रेल ब्रिज) जैसी परियोजनाओं का उद्घाटन हुआ, जो न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति प्रदान करेगी।भारतमाला परियोजना के तहत सड़क नेटवर्क का विस्तार और मेट्रो रेल नेटवर्क का लगभग चार गुना विस्तार हुआ है। हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी हो गई, और ग्रामीण क्षेत्रों में पक्की सड़कों का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है। पूंजीगत व्यय में भी तीन गुना वृद्धि हुई, जो 2013-14 में 3.92 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 11.1 लाख करोड़ रुपये हो गया।

सामाजिक और सांस्कृतिक उपलब्धियां: समावेशी विकास का प्रतीक।

मोदी सरकार ने सामाजिक समावेशन और सांस्कृतिक गौरव को प्राथमिकता दी है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 10.33 करोड़ महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए गए, जिसने ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य और जीवन स्तर को बेहतर बनाया। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12 करोड़ शौचालयों का निर्माण हुआ, जिसने ग्रामीण स्वच्छता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, राम मंदिर अयोध्या, और महाकाल लोक जैसे प्रोजेक्ट्स ने न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन को भी प्रोत्साहित किया। ऑपरेशन सिंदूर और अनुच्छेद 370 की समाप्ति जैसे साहसिक निर्णयों ने राष्ट्रीय सुरक्षा और एकता को मजबूत किया।

चुनौतियां और भविष्य की दिशा।

हालांकि, इस प्रगति के बावजूद, बेरोजगारी और कृषि क्षेत्र में सुधार जैसे कुछ मुद्दों पर चुनौतियां बनी हुई हैं। कृषि क्षेत्र, जो 54.6% आबादी को रोजगार देता है, जीडीपी में केवल 16.7% का योगदान देता है। सरकार को गैर-कृषि क्षेत्रों में रोजगार सृजन और निजी निवेश को बढ़ावा देने पर और ध्यान देना होगा।

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला वर्ष भारत के लिए एक स्वर्णिम काल साबित हुआ है। अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड वृद्धि, बुनियादी ढांचे का अभूतपूर्व विकास, और सामाजिक कल्याण योजनाओं के माध्यम से समावेशी प्रगति ने भारत को विकसित राष्ट्र बनने की राह पर मजबूती से अग्रसर किया है। 2047 तक विकसित भारत का सपना अब केवल एक दृष्टिकोण नहीं, बल्कि एक साकार होती वास्तविकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व और उनकी नीतियों की निरंतरता इस यात्रा को और तेज करेगी, जिससे भारत न केवल आर्थिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभरेगा।

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