
विजयपाल सिंह भण्डारी(टोनी दा) ब्यूरो चीफ
देहरादून। आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में उपद्रव फैलाने वालों पर बड़ा कदम उठाया है। दंगा और अशांति फैलाने के दौरान सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की वसूली नुकसान पहुंचाने वालों से की जाएगी। इसके लिए एक क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा। कैबिनेट ने इससे संबंधित कानून बनाने पर अपनी मुहर लगा दी है।हड़ताल, बंद, उपद्रव फैलाने अथवा विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे सरकारी और निजी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचता है। इसकी क्षतिपूर्ति के लिए अब तक उत्तराखण्ड में कोई कानून नहीं था। लेकिन अब धामी सरकार इसे लेकर कानून बनाने वाली है। दंगे करने और अशांति फैलाने वालों पर उत्तराखण्ड सरकार अब सख्ती से पेश आएगी।मंत्रिमंडल की आज हुई बैठक में इसे लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इसके तहत सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने पर मुकदमा दर्ज होने की स्थिति में सर्किल ऑफिसर अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को देगें। उसके बाद जिलाधिकारी द्वारा गठित क्लेम ट्रिब्यूनल, कोर्ट कमिश्नर के माध्यम से नुकसान का आंकलन करेगा। जिसके बाद इस कानून के तहत संबंधित व्यक्ति से वसूली की जाएगी।
“दंगों और अशांति फैलाने के मामलों में सख्ती से रोक लगाने के उद्देश्य से आज कैबिनेट बैठक के दौरान एक विशेष ट्रिब्यूनल के गठन को मंत्रिमंडल ने मंजूरी द दी है। दंगों के दौरान होने वाले सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति दंगाइयों से ही की जाएगी। प्रदेश की शांति व्यवस्था बिगाड़ने वालों को अब इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। धामी सरकार अब उपद्रवियों के खिलाफ एक ऐसी नजीर पेश करेंगी जिससे देवभूमि को कलंकित करने वाले दंगाइयों की पीढियां वर्षों तक याद रखेंगी।“