लखवाड़ बांध प्रभावित/विस्थापित जनकल्याण समिति ने विधायक से की मुलाकात, विभिन्न समस्याओं से कराया अवगत।

ब्यूरों रिपोर्ट
देहरादून- लखवाड़ बांध प्रभावित/विस्थापित(अनुसूचित जाति/जनजाति) जनकल्याण समित का एक प्रतिनिधि मंडल ने विकासनगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान से उनके आवास पर भेट की। समिति ने बांध प्रभावितों की समस्याओं से विधायक को विस्तार से अवगत कराया तथा शासन/प्रशाशन स्तर से समस्या का निराकरण कराने का आग्रह भी किया। शासन /प्रशाशन स्तर पर अभी तक जो कार्यवाही की गई है उससे भी उन्हें विस्तार से अवगत करा गया।
समिति के प्रतिनिधि मंडल द्वारा विधायक को बांध प्रभावितों की मुख्य समस्याओं से अवगत कराया गया।
1. लखवाड़ बांध बहुउद्देशीय परियोजना हेतु जनपद देहरादून के अंतर्गत कालसी -तहसील के बांध प्रभावित ग्रामों की पूर्व में अधिग्रहित भूमि 45.317 हैक्टेयर जिसकी अनुदान अनुग्रह राशि मिलनी प्रस्तावित है, तथा इसके अलावा वर्तमान में 4.164 हैक्टेयर भूमि जिसकी अधिग्रहण की प्रक्रिया गतिमान है।
2. परियोजना हेतु वर्तमान में शेष भूमि का जो अधिग्रहण होना है जिसमें तहसील कालसी, जनपद देहरादून के बांध प्रभावित ग्रामों की 4.164 हेक्टयर भूमि का अब अधिग्रहण किया जाना है उस संबंध में जनजाति क्षेत्र होने की वजह से यहां पर भूमि का क्रय और विक्रय बेहद कम होता है, और अगर होता भी है तो बहुत ही निम्न दरों पर किया जाता है, क्योंकि गैर जनजाति के लोग यहां भूमि नहीं खरीद सकते हैं जिसके कारण सर्किल रेट बहुत कम है, इसलिए जौनसार क्षेत्र के कालसी तहसील के बांध प्रभावित परिवारों को भी भूमि अधिग्रहण पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना अधिनियम 2013 की धारा 26 (ख) के अनुसार निकटवर्तीय क्षेत्र(यमुना नदी के बाएं तट पर) विकासखंड जौनपुर, तहसील धनोल्टी, उप तहसील नैनबाग जनपद टिहरी गढ़वाल के मौजूदा बाजार दर के आधार पर समान रूप से सुनिश्चित किया जाए।
3. परियोजना प्रभावित परिवारों की जो वर्ग -4की4.96 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित होनी है, अभी तक अधिग्रहण की कोई प्रक्रिया नहीं की गई है। अतः आपसे अनुरोध है की वर्ग -4 की भूमिका नियमितिकरण करवा करके उक्त भूमि का भी समान दर से बांध विस्थापितों को भुगतान सुनिश्चित करवाने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
4. परियोजना हेतु पूर्व में अनुग्रहित भूमि पर माननीय सचिव ऊर्जा उत्तराखंड शासन के शासन आदेश संख्या-184123/1-1/2024-05/104/2005e-file4468 दिनांक 22-01-2024 के अनुसार अनुग्रह अनुदान राशि रुपए 75 लाख प्रति हेक्टेयर से रुपए 101.50 लाख प्रति हेक्टेयर की दर से महंगाई सूचकांक के अनुसार स्वीकृति प्रदान की गई है, जिस पर बांध प्रभावित काश्तकारों द्वारा असहमति व्यक्त की गई है। जबकि महंगाई सूचकांक/बाजार मूल्य को आधार मानते हुए, भारतीय स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के ब्याज दर को आधार मानते हुए 08 वर्ष की अवधि का 12% प्रति वर्ष की ब्याज दर से रुपए 193.13 लाख प्रति हेक्टेयर यह तो चित्र रूप से बढ़ाया जाए, जिसे बांध प्रभावित किसानों को न्याय मिल सकेगा।
5. 31 मार्च 2023 तक के पंचायत रजिस्टर की गणना के अनुसार जो पात्र बांध विस्थापित परिवार छूट गए हैं उनके लिए विशेष सत्यापन शिविर लगा करके उन्हें नियमानुसार पंचायत रजिस्टर में दर्ज करवाने की कार्यवाही की जाए जिससे बांध प्रभावित परिवारों को भविष्य में सरकार द्वारा मिलने वाले लाभ से वंचित ना रहना पड़े।
विशेष अनुरोध–अभी तक भुगतान की प्रक्रिया आरंभ नहीं हुई है इसलिए पूर्व में निर्धारित 31 मार्च 2023 तक की कट ऑफ तिथि को 31 मार्च 2025 तक संशोधित करके बढ़वाने की कृपा की जाए।
6. अनुदान अनुग्रह राशि किस बांध विस्थापित व्यक्ति को अब कितनी मिलनी है, और पूर्व में जो भूमि बांध निर्माण हेतु, सिंचाई विभाग के कार्यकाल में बांध से प्रभावित परिवारों से ली गई थी उसका संपूर्ण विवरण प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति को कानून मिलना चाहिए था परंतु ऐसा ना करके विशेष भूमि अध्यापति अधिकारी देहरादून ऑफिस में प्रभावितों को बुलाकर प्रपत्र भरवाये जा रहे हैं जो नियमों के विरुद्ध है। कई बांध प्रभावित लोग उम्र दराज व बीमार है, इनमें पुरुषों के साथ-साथ वृद्ध महिलाएं और विकलांग लोग भी हैं। परियोजना से प्रभावित परिवारों की 7.159 हेक्टेयर शेष भूमि जो अब बांध निर्माण के लिए अधिग्रहण करनी प्रस्तावित है उसका अधिग्रहण टिहरी गढ़वाल की दरों पर दिलवाया जाए। दिनांक 22 अगस्त 2023 को ऊर्जा सचिव महोदय के साथ हुई बांध प्रभावित क्षेत्र की समस्याओं को हमारी समिति ने प्रमुखता से रखा था जिसके जवाब में 11.10.2023को पत्रांक 5016/यूजेविन से लिखित में हमें अवगत करवाया गया था कि उपरोक्त मांग पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी गई है लेकिन आज 1.5 वर्ष के उपरांत भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
7. बांध परियोजना से प्रभावित परिवार के एक सदस्य को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार स्थाई रोजगार प्रदान किया जाएं, ताकि उनका आर्थिक भविष्य सुरक्षित और स्थिर रह सके। उत्तराखंड जल विद्युत निगम में तृतीय श्रेणी के स्वीकृत 97 पदों के सापेक्ष 42 पद अभी भी रिक्त है, उन रिक्त पदों पर भर्ती हेतु विज्ञप्ति निकाल कर बांध प्रभावितों के लिए आरक्षित कर नियुक्तियां दी जाए। इसके साथ-साथ निगम में चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर भी स्थानीय बांध प्रभावितों के लिए आरक्षित कर नियम अनुसार नियुक्तियां देने की प्रक्रिया तुरंत आरंभ करवाई जाए। अब तक जिन लोगों की नियुक्ति चतुर्थ श्रेणी में विभाग द्वारा की गई है उसकी जांच करवाई जाए कि इसमें बांध विस्थापित कितने लोग हैं। इसके साथ-साथ लखवाड़ बांध परियोजना निर्माण कर रही एलएनटी कंपनी में प्रभावित परिवारों तथा प्रभावित क्षेत्र के स्थानीय व्यक्तियों को कुशलता, अनुभव एवं पद की योग्यता के अनुसार प्राथमिकता के आधार पर सेवाओं में कंपनी एक्ट और लेबर एक्ट के मुताबिक शर्तों के अनुरूप पदों को भरने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। साथ ही साथ आज तक एलएनटी कंपनी ने जिन लोगों को भर्ती किया है उसमें बांध विस्थापित कितने लोग हैं इसकी भी जांच करवाने की आवश्यकता है, अगर स्थानीय बांध प्रभावितों के साथ भेदभाव किया गया है तो हकूक उनको दिलवाई जाए। इसके साथ-साथ अल्प तकनीकी लघु कार्यों की रुपए 10 लाख की धनराशि को पुनरीक्षित करते हुए रुपए 20 लाख किया जाए, तथा कार्यों को बांध प्रभावितों के माध्यम से ही कराया जाए।
विधायक चौहान द्वारा संपूर्ण पूर्व शासन आदेशों तथा भूमि अधिग्रहण पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना अधिनियम 2013 के प्राविधानों का भी विस्तृत अध्ययन करने के पश्चात समिति के प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया, की लखवाड़ बांध प्रभावितों की मांगे कानूनी रूप से उचित है तथा शासन /प्रशासन स्तर पर उनके द्वारा भरपूर पैरवी की जाएगी तथा संपूर्ण बांध प्रभावितों की समस्याओं के निराकरण हेतु वे अपना पूर्ण सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है, ऐसा आश्वासन उनके द्वारा बांध प्रभावितों को दिया गया।
अंत में समिति के अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारी द्वारा बांध प्रभावितों से आग्रह किया है कि सभी प्रभावित काश्तकार संयम बनाए रखें तथा किसी अन्य के बहकावे में ना आवे इसके साथ-साथ यह भी निवेदन किया कि किसी भी दस्तावेजों पर बिना सोचे समझे हस्ताक्षर न करें जिससे भविष्य में आपको पछतावा ना हो।
समिति जो आप द्वारा चुनी गई है वह सभी बांध प्रभावितों को उचित एवं सम्मानजनक मुआवजा दिलवाने हेतु प्रतिबद्ध एवं प्रयासरत है और आगे भी रहेंगे।
समिति के अध्यक्ष एवं समस्त पदाधिकारियों ने माननीय विधायक जी का आभार प्रकट करते हुए पूर्ण आशा व्यक्त की है कि अब बांध प्रभावितों को न्याय मिलेगा।