लखवाड बांध विस्थापित श्रम सहकारी समिति ने बुलाई आपातकालीन बैठक।

ब्यूरों रिपोर्ट
देहरादून। कल लोहारी में लखवाड बांध विस्थापित श्रम सहकारी समिति की आपातकालीन बैठक बुलाई गई।
इस बैठक में विशेष रूप से सोशल मीडिया में लखवाड़ बांध क्षेत्र के टिहरी गढ़वाल के कुणा गांव क्षेत्र में किए जा रहे गंभीर विस्फोट से पहाड़ों को हिलाएं जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई तथा इस मामले में प्रशासन से ली गई अनुमति के अनुसार गांव के सुरक्षा की मांग करते हुए सुरक्षित विस्फोट किए जाने की मांग जिला प्रशासन से की गई है। समिति के सदस्यों ने कहा कि अगर कभी भविष्य में इन विस्फोटकों से किसी के जान माल की हानि होती है तो कंपनी उस नुकसान की जिम्मेदार होगी।
एलएनटी कंपनी द्वारा स्थानीय नौजवानों को रोजगार न देकर के बाहर के लोगों को रोजगार दिए जाने पर भी समिति ने भारी आक्रोश व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री से मांग की है कि आपके पास इस विभाग का मंत्रालय है आप स्वयं हस्तक्षेप कर स्थानीय नौजवानों को कंपनी में रोजगार उपलब्ध कराये। क्योंकि प्रभावित परिवारों ने अपनी पैतृक संपत्ति को प्रदेश एवं देश की ऊर्जा एवं सिंचाई के लिए समर्पित की है इसलिए बांध क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलना अति आवश्यक है अलग उत्तराखंड राज्य इस कारण ही बना था की स्थानीय लोगों की भागीदारी विकास के कार्यों में होगी।
समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने कहा है कि 1 वर्ष पूर्व कंपनी में लगे कुछ नौजवानों पर झूठे मुकदमे लगाकर उनको नौकरी से निकाल दिया गया है जो की उन नौजवानों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है तथा उन नौजवानों का जीवन यापन होना भी कठिन हो गया है इसलिए इन झूठे मुद्दों को तुरंत वापस लिया जाए तथा उनका रोजगार पर दोबारा रखा जाए खेद का विषय है कि 1 वर्ष बीत जाने पर भी इस मामले में कोई जांच आगे नहीं बढ़ी है।
दिग्विजय सिंह ने कहा की 90 करोड रुपए वन विभाग को कैट प्लांट के तहत मिले हैं उन 90 करोड़ को डकारने के लिए वन विभाग गैर प्रभावित क्षेत्र में इस बजट को खर्च कर रहा है जबकि लखवाड़ गांव एवं टिहरी गढ़वाल का पाली गांव पहले से ही घर की मकान में दरारें भू दशा वाला क्षेत्र रहा है जहां पर की भू वैज्ञानिकों ने भी इन गांव में भूमि की सुधार के लिए सरकार को कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं परंतु इन क्षेत्रों में वन विभाग द्वारा इस पैसे को खर्च न कर प्रवाहित जनता के प्रति वन विभाग अन्य कर रहा है।
साथ में पूर्ण विस्थापित ग्राम लोहारी कुणा रनोगी को अपने क्षेत्र में ही बसाने की सरकार से मांग की गई। एक परियोजना सामान रेट भी इस वाहन प्रवाहितों के लिए लागू किया जाए। साथ में परिवार रजिस्टर में ऑफलाइन रजिस्टर को मान्य किया जाए जिससे कि सभी परिवारों को पारिवारिक लाभ मिल सके। पाली गांव के विकास समिति के अध्यक्ष जोत सिंह रावत जी ने बैक डोर भर्ती किए जाने पर घोर आपत्ति करते हुए उत्तर प्रदेश बिहार तथा अन्य राज्यों से भारती ना कर स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाने की मांग की गई।
लोहरी बांध समिति के अध्यक्ष नरेश चौहान ने कहा कि जैसे की आजकल योगी जी ने नारा दे रखा है कि बटोगें तो कटेगें का आह्वान करते हुए सभी प्रवाहितों को एकजुट होकर कंपनी के विरुद्ध आंदोलन की रूपरेखा तय करने के लिए कहा।
बैठक में वरिष्ठ सदस्य चतर सिंह जी लखवार प्रधान पति जीवन सिंह, धनपो गांव के प्रधान प्रतिनिधि चमन रावत संदीप तोमर राजेश चौहान शूरवीर सिंह चौहान सरदार सिंह पाली, सरदार सिंह, रमेश चौहान आदि लोक उपस्थित रहे।