72 घंटों के ऑपरेशन में इंडियन आर्मी ने वह सभी कुछ हासिल कर लिया जो पहलगाम की शर्मनाक घटना के बाद जरूरी था।

ब्यूरों रिपोर्ट
अब सब साफ हो गया। 72 घंटों के ऑपरेशन में इंडियन आर्मी ने वह सभी कुछ हासिल कर लिया जो पहलगाम की शर्मनाक घटना के बाद जरूरी था
नौ आतंकी अड्डों को नष्ट कर 3 अंतरराष्ट्रीय आतंकियों सहित 100 से अधिक आतंकवादियों को मार डाला गया है। पाकिस्तान के 35 से 40 के बीच सैनिक मारे गए और भारत के पांच जवान शहीद हुए।
अनेक एयरबेस नष्ट कर दिए गए। उधर भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान से वार्ता सिर्फ पीओके पर हो सकती है।
पाकिस्तान को भारत के तमाम मोस्ट वांटेड आतंकवादी भारत को सौंपने होंगे। साथ ही यह स्पष्ट कर दिया गया कि यह सिर्फ युद्ध विराम है , युद्ध समाप्ति नहीं। जल संधि निरस्त रहेगी और अन्य सभी प्रतिबन्ध अभी लागू रहेंगे।
पाकिस्तान के पास 40 एयरबेस हैं। भारत ने 90 मिनट में 11 एयरबेस नष्ट कर दिए।
रावलपिंडी में सबसे बड़े एयरबेस नूर खां की तबाही से पाकिस्तान वास्तव में कांप उठा। मुनीर और शाहबाज को समझ आ गया कि उसके हवाई सुरक्षा सिस्टम वास्तव में हवाई हैं।
लाहौर , सियालकोट और बहावलपुर में रडार और एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त हो जाने के बाद पाकिस्तान के पास अपने एटम बम तक जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा था।
सीएनएन ने इसे लेकर एक खतरनाक रिपोर्ट दिखाई है। न्यूयार्क टाइम्स ने भी पाकिस्तान को बीच चौराहे नंगा कर दिया।
सीएनएन के मुताबिक जैसे ही शाहबाज और मुनीर ने परमाणु बम एक्टिवेशन चीफ को तलब किया अमेरिका अलर्ट हो गया। वस्तुतः नूर खां वह एयरबेस है जहां से पाकिस्तान अपना परमाणु कार्यक्रम चलाता है।
इसी से कुछ दूर सरगोधा एयरबेस है जिसके पास परमाणु बम भूमिगत रक्खे गए हैं। हमारी ब्रह्मोस मिसाइलों ने सरगोधा बेस भी उड़ा दिया।
अब पाकिस्तान सही मायनों में थर थर कांप उठा। सीधा सा मतलब था कि पाकिस्तान के तमाम 150 परमाणु बम पाकिस्तान में ही दफ़्न हो जाते यदि भारत ऐसा चाहता।
दोनों एयरबेस नष्ट होने से मुनीर अमेरिका के सामने घिघियाने लगा। नतीजा युद्धविराम बनकर सामने आया।
पूरी दुनिया ने पहलगाम के बाद भारत की ताकत को जीवंत देख लिया है। निश्चित रूप से चीन और पाकिस्तान को भी अब समझ आया होगा कि भारत किस कदर मजबूत हो चुका है।
खासकर मोदी सरकार के आने के बाद भारत का शस्त्र भंडार लबालब भर गया है। हेंगरों में नए नए युद्धक विमान भारत की शान बढ़ा रहे हैं।
सेना ने स्पष्ट किया कि फिलहाल लक्ष्य पहलगाम का बदला लेना था जिसे पूरी तरह हासिल कर लिया गया। पीओके लेना अभी लक्ष्य नहीं था।
सेना ने कहा कि दुश्मन का एक भी विमान भारतीय सीमा में प्रवेश नहीं कर पाया। न ही कोई मिसाइल या ड्रोन भारत में कोई नुकसान कर पाया। हमारे सभी पायलट सुरक्षित लौट आए।
युद्ध विराम के बाद देशवासियों के मन में अनेक शंकाएं थी जो तीनों सेनाओं की प्रेस के बाद अब समाप्त हो गई।
हम विश्व की सर्वोच्च सेनाओं में से एक भारतीय सेना की वीरता को सैल्यूट करते हैं । मात्र 72 घंटों में दुश्मन के दांत खट्टे कर इंडियन आर्मी ने देशवासियों की छाती को 100″ फुला दिया है।
तो शाहबाज और मुनीर ! सुन लिया न ?
अब गोली चलाई तो गोला चलेगा । और हां एक बात और समझ ले , अब तुम्हें बचाने कोई थर्ड पार्टी कभी आने वाली नहीं है।