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अमेठी छोड़ राहुल लडेंगे रायबरेली,भाजपा बोली स्मृति से डरे राहुल गांधी।

लेख- कौशल सिखौला।

तो रायबरेली से राहुल और खास गढ़ अमेठी से केएल शर्मा। प्रियंका का पलायन। लड़की हूं लड़ सकती हूं का जुमला बस जुमला ही रह गया। न राबर्ट वाड्रा चाहकर भी लड़ पाए और न प्रियंका पहला चुनाव लड़ने का साहस जुटा पाई। मतलब साफ हो गया। स्मृति ईरानी को अमेठी से वॉकओवर। ये केएल शर्मा कौन हैं? बहुत कम लोग जानते हैं कि वे क्या हैं। शर्मा वास्तव में अमेठी और रायबरेली में चुनावी रणनीतिकार रहे हैं। चुनाव लड़ाते रहे, लड़े कभी नहीं। बड़े बे मन से पर्चा भरेंगे। अमेठी की कांग्रेस मायूस, बीजेपी की बांछे खिली। पहली बार अमेठी में नहीं होगी गांधी खानदान की दखल।

तमाशा देखिए, पूरा दिन लड़ेंगे नहीं लड़ेगे का भरपूर तमाशा? देश की सबसे बड़ी पार्टी की गाड़ी किस कदर पटरी से उतर गई है, रायबरेली और अमेठी ने रिलीज से पहले ही पूरी की पूरी पिक्चर देश को दिखा दी है। देर रात तक बड़े बैनर वाली पार्टी यह कहने का साहस नहीं जुटा रही थी कि दोनों सीटों पर कौन लड़ेगा? ऐसा भी क्या हुआ कि कांग्रेस की लीगल टीम सवेरे ही दोनों जगह पहुंच गई, नामांकन के लिए अनुमति मिल गई, रथ सज गए पर आज सवेरे तक यही पता नहीं कि लड़ेगा कौन? कहते थे डरो मत। लेकिन चुनाव में उतरने में इतना डर कि रात हो जाए पर बात न बन पाए? माना कि बड़े लोगों की बड़ी बात होती है। लेकिन बड़ों के फैसलों की रात, आधी रात से शुरू होती है, यह इस बार पता चल गया।

पिछले चुनाव में राहुल गांधी दो जगह से एक साथ लड़े थे। अमेठी हारे और वायनाड जीते। इस दफा अलग अलग टाइमिंग का फायदा उठाकर वायनाड से लड़ गए। ऐसा पहली बार हुआ कि भाई बहन का पेंच एक ही समय में आसपास फंस गया। मजेदार बात यह कि इन दोनों सीटों पर सोनिया, राहुल और प्रियंका तीनों ही नहीं लड़ना चाहते थे। पर संसद में जाना जरूर है अतः सोनिया ने राज्यसभा का आसान रास्ता चुना और राहुल प्रियंका को लोकसभा के लिए छोड़ दिया। लेकिन दोनों के नखरे इतना तमाशा कराएंगे, उन्हें भी आश्चर्य हुआ होगा। लड़की हूं लड़ सकती हूं वाली प्रियंका की पहले चुनाव में जाने की घबराहट साफ दिखाई दे रही थी। अंततः वे खुद ही आउट हो गई।

राहुल गांधी ने स्मृति का मुकाबला करने के बजाय रायबरेली की सेफ सीट चुनीं। यहां से वे जीत ही जाएंगे। लेकिन यूपी या केरल, चुनाव परिणाम आने पर किसी न किसी से तो दगा करेंगे ही। पिछली बार अमेठी की हार का कितना खौफ राहुल खा रहे होंगे, इसका खुलासा हो गया। चूंकि रायबरेली में कोई चुनौती है ही नहीं, अतः इस सीट का चुनाव नीरस हो जाएगा। अमेठी सीट तो कांग्रेस ने भाजपा को गिफ्ट कर ही दी है।

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