शंकरपुर में ग्राम समाज की जमीन पर अवैध कब्जा जारी, प्रशासन मौन…..।

ब्यूरों रिपोर्ट, देहरादून।
ग्राम पंचायत शंकरपुर हुकूमतपुर में ग्राम समाज की जमीन पर अवैध कब्जों का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पंचायत की खाता संख्या 2033/खसरा नंबर 3288 घ मि के अंतर्गत करीब 19.5 हेक्टेयर बंजर सरकारी भूमि दर्ज है। इसी जमीन के एक हिस्से पर ग्रामीणों का साप्ताहिक हाट बाजार भी लगता है, लेकिन अब इस भूमि पर कुछ दबंग लोग लगातार कब्जा कर रहे हैं।
ग्राम प्रधान ने उठाई सरकार और अफसरों की मिलीभगत पर उंगली।
ग्राम प्रधान ने जिलाधिकारी देहरादून को भेजी गई ताज़ा शिकायत में साफ लिखा है कि 12 सितंबर 2025 को पहले ही अवैध निर्माण रोकने की शिकायत DM को दी गई थी, लेकिन आदेशों के बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। शिकायत में कहा गया कि कौशर जहां पत्नी यूसुफ और महमूदा पत्नी जुलफाम समेत कुछ लोग जमीन के एक छोर पर अवैध निर्माण कर रहे हैं।
इतना ही नहीं, इस जमीन पर पहले भी कब्जा किया गया था, जिसे 18 अप्रैल 2025 को तहसील प्रशासन, विकासनगर ने ध्वस्त किया था। मगर, कुछ ही महीनों बाद दबंगों ने फिर से निर्माण शुरू कर दिया। लेखपाल की 12 जून 2025 की रिपोर्ट और 12 सितंबर 2025 के प्रार्थना पत्र की प्रति भी जिलाधिकारी को सौंपी गई है।
प्रधान का आरोप है कि जब जिलाधिकारी के आदेशों के बाद भी अवैध निर्माण जारी है, तो यह साफ संकेत है कि तहसील प्रशासन की मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं हो सकता।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
ग्राम प्रधान ने पत्र में यह भी कहा है कि अवैध निर्माण पर बार-बार शिकायतों और ध्वस्तीकरण के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं होना सरकार और प्रशासन की बैरूखी और नाकामी को उजागर करता है।
ग्राम समाज की जमीन, जिस पर ग्रामीणों का हक है और जहां से कई परिवारों की आजीविका जुड़ी है, उसे दबंगों के कब्जे में छोड़ देना प्रशासन की गंभीर लापरवाही है।
अब उठ रहा बड़ा सवाल
जब जिलाधिकारी तक शिकायत पहुंच चुकी है तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?
क्या दबंगों को प्रशासन का संरक्षण प्राप्त है?
क्या सरकार वाकई ग्राम समाज की जमीन बचाने के लिए गंभीर है?
ग्रामीणों और ग्राम प्रधान का कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो यह मामला बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।