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मोदी सरकार के 11 साल: चुनौतियाँ, उपलब्धियाँ और लोकप्रियता का रहस्य।

ब्यूरों रिपोर्ट..
26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। तब से लेकर आज 2025 तक, मोदी सरकार के 11 वर्ष पूरे हो चुके हैं। यह समयकाल भारतीय राजनीति, अर्थव्यवस्था और वैश्विक स्थिति में बड़े बदलावों का साक्षी रहा है। मोदी सरकार ने जहां कई ऐतिहासिक फैसले लिए, वहीं कई चुनौतियों का सामना भी किया। फिर भी, 11 साल बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता शीर्ष पर बनी हुई है। आइए इस लेख में इन वर्षों की समीक्षा करें।

1. प्रमुख चुनौतियाँ और उनका समाधान
मोदी सरकार को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की चुनौतियों से जूझना पड़ा:

 आर्थिक सुस्ती (2013-14 की विरासत):
2014 में जब मोदी सरकार आई, तब भारत की जीडीपी ग्रोथ गिरकर 5% के आसपास आ गई थी। निवेशकों का भरोसा कम हो रहा था और नीतिगत पंगुता का माहौल था। मोदी सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्टार्टअप इंडिया’, और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ जैसे अभियान शुरू किए जिससे भारत में निवेश का माहौल सुधरा।

 नोटबंदी और जीएसटी का क्रियान्वयन:
हालांकि इन फैसलों पर विपक्ष ने सवाल उठाए, पर इनसे अर्थव्यवस्था में औपचारिकरण और टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता आई। जीएसटी ने पूरे देश को एक कर प्रणाली में बांधा।

 कोविड-19 वैश्विक महामारी:
यह 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौती थी। भारत ने रिकॉर्ड समय में वैक्सीन विकसित की और “वैक्सीन मैत्री” के जरिए दुनिया को भी मदद पहुंचाई। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में लॉकडाउन, राहत पैकेज और स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के प्रयासों की सराहना हुई।

 सीमाई तनाव और आतंकी हमले:
उरी और पुलवामा हमलों के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के ज़रिए पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि नई भारत की नीति जवाबी कार्रवाई की है। चीन से लद्दाख में तनाव के बावजूद भारत ने सैन्य और रणनीतिक रूप से मजबूती दिखाई।

2. आर्थिक प्रगति के संकेत
 जीडीपी और वैश्विक स्थिति
2024 तक भारत दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका था। आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक दोनों ने भारत को भविष्य की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बताया है।

 डिजिटल इंडिया और तकनीकी क्रांति
आज भारत में UPI ट्रांजैक्शन का आंकड़ा प्रतिमाह 100 अरब डॉलर से ऊपर है। डिजिटल भुगतान और मोबाइल इंटरनेट ने ग्रामीण क्षेत्रों तक आर्थिक सशक्तिकरण किया है।

 बुनियादी ढांचे का विकास
सड़कों, हाईवे, एयरपोर्ट, रेलवे और वंदे भारत ट्रेनों ने भारत की कनेक्टिविटी में क्रांति ला दी है। 2014 की तुलना में हाईवे की लंबाई दोगुनी हो चुकी है।

 गरीबी उन्मूलन और सामाजिक योजनाएँ:
प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत और जनधन योजना जैसे कार्यक्रमों ने करोड़ों गरीबों को सीधा लाभ पहुंचाया है।

3. मनमोहन सिंह सरकार बनाम मोदी सरकार
मनमोहन सरकार (2004-2014)

मोदी सरकार (2014-2025)  नेतृत्व नरम, तकनीकी पर आधारित, निर्णायक और जननेता,  नीति-निर्माण गठबंधन दबावों में,  स्पष्ट बहुमत से तेज फैसले, भ्रष्टाचार 2G, CWG, कोयला घोटाले, अपेक्षाकृत भ्रष्टाचार-मुक्त,  वैश्विक छवि, संयमित प्रखर और आत्मविश्वासी, योजना क्रियान्वयन धीमा और जटिल मिशन मोड और डिजिटल ट्रैकिंग |

4. मोदी की लोकप्रियता का रहस्य
 व्यक्तित्व और ब्रांडिंग…
मोदी एक प्रखर वक्ता, तकनीक-संगत नेता और अपने विचारों को स्पष्टता से रखने वाले नेता हैं। वे सोशल मीडिया के माध्यम से सीधे जनता से जुड़े रहते हैं।

 राष्ट्रवाद और सांस्कृतिक पहचान…
राम मंदिर निर्माण, कश्मीर से धारा 370 हटाना, और CAA जैसे मुद्दों ने एक बड़े वर्ग को भावनात्मक रूप से जोड़े रखा।

 योजनाओं की पहुंच और प्रचार…
सरकारी योजनाएं सिर्फ घोषणा नहीं रहीं, बल्कि उनका ग्राउंड इंपैक्ट भी नजर आया। हर लाभार्थी को ‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर’ से जोड़कर सरकार ने ईमानदारी की मिसाल पेश की।

 विपक्ष की कमजोर स्थिति…
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल विश्वसनीय नेतृत्व देने में विफल रहे हैं। इससे मोदी की छवि और मजबूत हुई।

मोदी सरकार के 11 साल भारत के इतिहास में निर्णायक और परिवर्तनकारी कालखंड के रूप में दर्ज किए जाएंगे। जहां आलोचक सरकार की कई नीतियों पर सवाल उठाते हैं, वहीं आम जनता में प्रधानमंत्री की छवि एक सशक्त, ईमानदार और दूरदर्शी नेता की बनी हुई है। आने वाले समय में यह देखना रोचक होगा कि क्या मोदी सरकार अपने वादों और विकास के मॉडल को और नई ऊंचाइयों तक ले जा पाएगी।

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