गोदियाल को मिला आईटी का नोटिस, प्रदेश में सियासत हुई गर्म।
ब्यरों रिपोर्ट
देहरादून। लोकसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच उत्तराखंड में एक बार फिर नोटिस पर सियासत गरमा गई है। पौड़ी लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार गणेश गोदियाल को इनकम टैक्स विभाग ने एक साथ तीन नोटिस भेजे हैं, जिसे लेकर सवाल उठने लगे हैं। गणेश गोदियाल ने इसे डराने की साजिश बताया है। साथ ही उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि वो डरने वाले नहीं हैं और हर जांच के लिए तैयार हैं। गोदियाल ने कहा कि 2016 में भी उन्हें डराने और फंसाने की कोशिश हुई थी, लेकिन जांच में कुछ नहीं निकला। गणेश गोदियाल ने नोटिस की टाइमिंग पर भी सवाल उठाए हैं। ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स विभाग को लेकर कांग्रेस पहले भी सवाल उठाती रही है और अब ठीक चुनाव के वक्त गणेश गोदियाल को भेजे गए नोटिस को लेकर इस पर संग्राम तय है। बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस इसे बड़ा मुद्दा भी बना सकती है।
आयकर विभाग ने सूचनाओं और असेसमेंट के बाद निकाला बकाया।
आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल का उत्तराखंड से लेकर महाराष्ट्र तक कारोबार है। वर्ष 2017-18 के आसपास उनकी आयकर रिटर्न का असेसमेंट किया गया था। कुछ सूचनाएं भी मिली थीं। जिनके परीक्षण पर पता चला था कि गोदियाल को कुछ कंपनियों से धनराशि मिली थी। जिसे उन्होंने रिटर्न में खर्चे के रूप में दिखाया है। हालांकि, वह खर्चों का स्पष्टीकरण नहीं दे पाए थे। उस दौरान यह बकाया राशि करीब 55 लाख रुपये थी। जो पेनाल्टी और ब्याज के साथ बढ़कर 96 लाख या इससे अधिक हो चुकी है। तब गणेश गोदियाल के रिटर्न का असेसमेंट देहरादून आयकर ने किया था। संभवतः अब उन्होंने अपना पैन महाराष्ट्र ट्रांसफर करवा लिया है।दूसरी तरफ कांग्रेसी नेता गणेश गोदियाल का कहना है कि वह हमेशा ईमानदारी के साथ आयकर जमा कराते रहे हैं। आयकर जो बकाया बता रहा है, उसका जवाब उनके पास है। पूर्व में भी वह आयकर अधिकारियों को जवाब दे चुके हैं। इसके बाद भी विवाद बना हुआ है। चुनाव के मौके पर इस तरह नोटिस भेजा जाना सिर्फ परेशान करने वाली बात है। वह इन बातों से परेशान होने वाले नहीं हैं। वह डटकर मुकाबला करेंगे और रुकेंगे नहीं।