पंजाब बाढ़: भाखड़ा बोर्ड ने ठहराया पंजाब सरकार को जिम्मेदार, किसानों पर दोहरी मार….।

ब्यूरो रिपोर्ट, विक्रम सिंह।
पंजाब में आई भीषण बाढ़ को लेकर अब राजनीति भी तेज हो गई है। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के अध्यक्ष ने साफ तौर पर कहा है कि इस आपदा की बड़ी वजह पंजाब सरकार का रवैया है। उनका कहना है कि समय रहते डैम के गेट खोलने की अनुमति नहीं दी गई।
BBMB का आरोप है कि पंजाब सरकार की जिद थी। कि “पंजाब का पानी किसी अन्य राज्य को एक बूंद भी नहीं देंगे।” बोर्ड के मुताबिक यही जिद अब पंजाब के गांवों और खेतों को डुबोने का कारण बनी।
बीमा योजना से बाहर पंजाब के किसान….।
केंद्र सरकार ने पहले ही पंजाब को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अपनाने का सुझाव दिया था। लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने इसे यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि पंजाब के किसान “भिखारी नहीं हैं।” सरकार ने अपनी बीमा योजना लाने की घोषणा की थी, मगर अब तक वह अपनी योजना लागू नहीं कर सकी।
इसका सीधा असर किसानों पर पड़ा, वे न तो केंद्र की बीमा योजना के दायरे में हैं और न ही राज्य सरकार की किसी योजना से सुरक्षित।
मुआवज़े का वादा, पैसों की कमी….।
बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए पंजाब सरकार अब बड़े मुआवज़े का वादा कर रही है। लेकिन राज्य सरकार के पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। इसलिए केंद्र से राहत पैकेज की मांग की जा रही है।
संकट के समय नेतृत्व पर सवाल…..।
बाढ़ संकट के बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान अस्पताल में भर्ती हो गए, वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राज्य छोड़कर दिल्ली लौट गए। ऐसे समय में आम आदमी पार्टी का पूरा राजनीतिक तंत्र केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाने में जुटा गया है।
किसान सबसे ज्यादा प्रभावित…..।
पंजाब के किसान, जिनके नाम पर हर दल राजनीति करता है, आज दोहरी मार झेल रहे हैं। एक ओर बाढ़ ने उनकी फसलें तबाह कर दीं, दूसरी ओर न तो बीमा सुरक्षा है और न ही तात्कालिक राहत।
पंजाब की मौजूदा बाढ़ केवल प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि नीतिगत असफलता और राजनीतिक जिद का नतीजा बनकर सामने आई है।