राहुल गांधी का शपथग्रहण से गायब रहना बना चर्चा का विषय।

ब्यूरों रिपोर्ट
नई दिल्ली।
कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक बार फिर चर्चा में हैं। उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन के शपथग्रहण समारोह में राहुल गांधी का न पहुँचना सियासी हलकों में तीखी बहस का कारण बन गया है।
प्रोटोकॉल तोड़ने पर उठ रहे गंभीर सवाल…..।
गैरतलब है कि राधाकृष्णन ने विपक्षी उम्मीदवार को 152 वोटों के बड़े अंतर से हराया था और आज उन्होंने पद की शपथ ली। लेकिन नेता प्रतिपक्ष का समारोह में न पहुँचना विपक्ष की गंभीरता पर ही सवाल खड़े कर रहा है।
इससे पहले भी राहुल गांधी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह में लालक़िला न जाकर विरोध स्वरूप बायकॉट किया था। सुरक्षा विभाग ने कुछ ही दिन पहले पत्र जारी कर यह चिंता जताई थी कि राहुल बिना जानकारी दिए विदेश चले जाते हैं, जिससे प्रोटोकॉल और सुरक्षा व्यवस्था पर असर पड़ता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राहुल गांधी का यह रवैया जनता के बीच उनकी गंभीरता और विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। सवाल यह भी उठ रहा है कि यदि राहुल गांधी को प्रोटोकॉल और संवैधानिक परंपराओं का पालन नहीं करना है, तो उन्हें नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ देना चाहिए।
अब से पहले भी राहुल गांधी को जनता और सत्ता पक्ष “सीरियस नेता” के रूप में नहीं देखती थी, लेकिन आज शपथग्रहण से उनकी अनुपस्थिति ने इस छवि को और कमजोर कर दिया है।