चकराता भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं, गुटबाजी चरम पर……।

ब्यूरों रिपोर्ट
देहरादून/चकराता।
चकराता विधानसभा की भाजपा इकाई इन दिनों अंदरूनी कलह और गुटबाजी से जूझ रही है। हाल ही में कालसी ब्लॉक में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में विजयी प्रत्याशियों का सम्मान समारोह इसका बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया।
जिलाध्यक्ष की कार्यशैली पर उठ रहे बड़े सवाल, कार्यकर्ताओं में गुस्सा।
कार्यक्रम के संयोजक रीतेश असवाल और अमर सिंह चौहान थे, मगर कालसी मंडल अध्यक्ष प्रदीप वर्मा ने अपने लैटर पैड पर बाकायदा लिख दिया कि भाजपा संगठन की ओर से ऐसा कोई आयोजन नहीं है। यही नहीं, चकराता और सहिया मंडल अध्यक्ष भी कार्यक्रम से नदारद रहे। इस पूरे घटनाक्रम ने साफ कर दिया कि पछवादून की भाजपा इकाई में गुटबाजी चरम पर है और जिलाध्यक्ष मीता सिंह इसे थामने में नाकाम साबित हो रही हैं।
पंचायत चुनाव से ही असंतोष…..।
मीता सिंह पर यह आरोप पहले से ही लग रहा है कि उन्होंने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों को तवज्जो नहीं दी। कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिन्होंने चुनाव में पार्टी विरोधी काम किया, उन पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा, जब चकराता मंडल अध्यक्ष ने ऐसे लोगों को निष्कासित करने की पहल की, तो जिलाध्यक्ष ने उसे भी रोक दिया।
वायरल ऑडियो ने कराई किरकिरी…..।
कुछ समय पहले जिलाध्यक्ष का एक ऑडियो क्लिप भी वायरल हुआ था, जिससे पार्टी की अच्छी-खासी किरकिरी हुई। अब हालिया घटनाक्रम ने कार्यकर्ताओं की नाराजगी को और हवा दे दी है।
नौटियाल ने भी उठाए सवाल…..।
भाजपा नेता रामशरण नौटियाल ने खुलकर आरोप लगाया है कि मलेथा और लाखामंडल की जिला पंचायत सीटों पर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ भाजपा के ही कुछ लोग काम कर रहे थे। लेकिन जिलाध्यक्ष मीता सिंह ने अब तक किसी के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की है।
संगठन पर प्रश्नचिह्न……।
लगातार विवादों और गुटबाजी से यह सवाल उठने लगे हैं कि आखिर पछवादून की भाजपा इकाई किस दिशा में जा रही है? कार्यकर्ताओं का गुस्सा और नेताओं की खींचतान कहीं आने वाले बड़े चुनावों में पार्टी के लिए सिरदर्द न बन जाए।